इक शग़ल और सही…तस्वीरों की दुनिया
जी चाहता है इन बूँद बूँद बरसते सपनों को ओक में भर के पी जाऊँ :)वैसे आज सुबह से ही ये सपने हमारे शहर में भी बरस रहे हैं !!
जब भी जरुरत पड़ेगी.. तस्वीर चुरा ली जायेगी. अच्छा है अब गूगल पर निर्भरता कम हो जायेगी. समय रहते आगाह कर दिया गया है, कल को रोते ना मिलना.
बस, ज़रा बरसी, बरस के थम गयी बरसात भीमात आखिर खा गयी वो चश्मे-तर के सामनेभाव-पक्षउत्तम !कला-पक्ष ..अति उत्तम !!
गुनगुनाती हुई गिरती हैं फलक से बूँदें कोई बदली तेरी पाजेब से टकराई है
जी चाहता है इन बूँद बूँद बरसते सपनों को ओक में भर के पी जाऊँ :)
जवाब देंहटाएंवैसे आज सुबह से ही ये सपने हमारे शहर में भी बरस रहे हैं !!
जब भी जरुरत पड़ेगी.. तस्वीर चुरा ली जायेगी. अच्छा है अब गूगल पर निर्भरता कम हो जायेगी. समय रहते आगाह कर दिया गया है, कल को रोते ना मिलना.
जवाब देंहटाएंबस, ज़रा बरसी, बरस के थम गयी बरसात भी
जवाब देंहटाएंमात आखिर खा गयी वो चश्मे-तर के सामने
भाव-पक्ष
उत्तम !
कला-पक्ष ..
अति उत्तम !!
गुनगुनाती हुई गिरती हैं फलक से बूँदें
जवाब देंहटाएंकोई बदली तेरी पाजेब से टकराई है