इक शग़ल और सही…तस्वीरों की दुनिया
बक़ोल मीना कुमारी जी चाँद तनहा है , आसमाँ तनहा ...
मुझे शेर याद नहीं आ रहा जिसमें शायर दूज के चाँद को अपनी माशूका के पाँव का नाखून बताता है...उसी शायर की याद आ गयी इस चित्र को देख कर.नीरज
बक़ोल मीना कुमारी जी
जवाब देंहटाएंचाँद तनहा है , आसमाँ तनहा ...
मुझे शेर याद नहीं आ रहा जिसमें शायर दूज के चाँद को अपनी माशूका के पाँव का नाखून बताता है...उसी शायर की याद आ गयी इस चित्र को देख कर.
जवाब देंहटाएंनीरज