गुरुवार, 16 जून 2011

मिल रही है हयात फूलों की






रात भर ये मोगरे की
खुशबू कैसी थी
अच्छा ! तो तुम आये थे
नींदों में मेरे ?

प्रत्यक्षा

5 टिप्‍पणियां:

  1. वाह! बरसात में भीगे मोगरे की ख़ुशबू... सुबह हसीन हो गई :)

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  2. कहाँ रहती हैं आप ? और कैसे मिलता है फुर्सत... एक घर मेरे लिए भी जमशेदपुर में खोज दें.

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  3. richa :)

    sagar मै जमशेदपुर में नही रहती । और जहां रहती हूं वो शहर जंगल काट कर बसाया गया है कोई 45 साल पहले :)

    फिर अपनी सोहबतों के लिये फ़ुर्सत क्या ?

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  4. पत्ते-पत्ते पे , रेशे-रेशे पे
    सूफियाना कलाम फूलों का

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  5. शायरी मेरी किसी के जिक्र से
    मोगरे की यार डाली हो गयी

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