बुधवार, 21 दिसंबर 2011

Candle



ढल चुकी रात, बिखरने लगा तारों का गुबार
लड़खडाने लगे एवानों में ख्वाबीदा चिराग़

फ़ैज़


posted fr Thusday Challenge--Candle, Street, Business, Fireplace, Glitter, Sparkle

गुरुवार, 17 नवंबर 2011

गुरुवार, 10 नवंबर 2011

Evening Sky-Skywatch Friday




शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आके टल गई
दिल था के फिर बहल गया, जाँ थी के फिर सम्भल गई

फ़ैज़

Evening Sky , backwaters,Alleppey Posted fr Skywatch Friday

गुरुवार, 3 नवंबर 2011

Sunset in the backwaters





हर गोशा गुलिस्तां था कल रात जहां मै था
एक जश्न-ए-बहारां था कल रात जहां मै था


Sunset in the backwaters,Alleppey Posted fr Skywatch Friday

बुधवार, 28 सितंबर 2011

रविवार, 18 सितंबर 2011

Marooned....






बँधी महावट से नौका थी सूखे में अब पड़ी रही,

उतर चला था वह जल प्लावन,और निकलने लगी मही...


कामायनी

गुरुवार, 15 सितंबर 2011

Sky Watch-Full Moon





रोज़ उठकर चाँद टाँगा है फ़लक पे रात को
रोज़ दिन की रोशनी में रात तक आया किये

हाथ भर के फ़ासले को उम्र-भर चलना पड़ा

गुलज़ार


Posted fr-Skywatch Friday

गुरुवार, 1 सितंबर 2011

सोमवार, 29 अगस्त 2011

गुरुवार, 25 अगस्त 2011

Twilight





दरख़्त रोज़ शाम का बुरादा भर के शाखों में
पहाड़ी जंगलों के बाहर फेंक आते हैं !
मगर वो शाम...
फिर से लौट आती है, रात के अन्धेरे में
वो दिन उठा के पीठ पर
जिसे मैं जंगलों में आरियों से
शाख काट के गिरा के आया था !!

गुलज़ार


Posted For SkyWatch Friday

बुधवार, 24 अगस्त 2011

Mid Way Blues



तेरे दर से उठकर जिधर जाऊं मैं
चलूँ दो कदम और ठहर जाऊं मैं

ख़ुमार बाराबंकवी

Posted for Thursday Challenge theme - "BLUE"

सोमवार, 22 अगस्त 2011