रविवार, 13 नवंबर 2011

झील में




4 टिप्‍पणियां:

  1. Wow! नवाबगंज पक्षी विहार... बचपन की बड़ी सारी यादें जुड़ी हैं वहाँ से... अब तो जाने कितने दिन हो गए यहाँ गए हुए... इस झील के पास एक लकड़ी का वॉच टावर भी हुआ करता था जहाँ खड़े हो कर इन कमल के फूलों और पक्षियों को देखना बहुत अच्छा लगता था... :) वो टावर अभी भी है क्या वहाँ ?

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  2. mai khud is oct men lagbhag 10 saal baad gayi thi..watch tower bahut badhiya bana diya hai unhone ab...in dino jao Richa...vahan bahut panchhii aaye hongey ...hum to duur baithey... ib

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  3. ज़रूर पारुल... कोशिश करुँगी जल्द ही जाने की.. देखिये कब जा पाते हैं... :)

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