dil dhuundhta hai
इक शग़ल और सही…तस्वीरों की दुनिया
मंगलवार, 28 जून 2011
हरे- मनभरे
शनिवार, 25 जून 2011
केसरिया बालम
गुरुवार, 23 जून 2011
भोर का चाँद
मंगलवार, 21 जून 2011
मौन
ये गंध भरी शाम कहीं तुम तो नही हो …
रविवार, 19 जून 2011
जो बरसे सपने बूंद-बूंद ,नैनों को मूंद-मूंद
शुक्रवार, 17 जून 2011
साँवली -अलबेली
कोयल श्याम रंग रंगी इब चढ़े न कोई दूजो रंग
गुरुवार, 16 जून 2011
मिल रही है हयात फूलों की
रात भर ये मोगरे की
खुशबू कैसी थी
अच्छा ! तो तुम आये थे
नींदों में मेरे ?
प्रत्यक्षा
बुधवार, 15 जून 2011
दिखें सुहाने
मंगलवार, 14 जून 2011
कल रात का चाँद
एक सौ सोलह चाँद की रातें
शनिवार, 11 जून 2011
जोगिया से प्रीत
पुकारता रहा हृदय, पुकारते रहे नयन
मगर निठुर न तुम रुके, मगर निठुर न तुम रुके!
पुकारता रहा हृदय, पुकारते रहे नयन,
पुकारती रही सुहाग दीप की किरन-किरन,
निशा-दिशा, मिलन-विरह विदग्ध टेरते रहे...
मगर निठुर न तुम रुके!
गोपालदास "नीरज"
गुरुवार, 9 जून 2011
ख़ुदा किसी को जहाँ में किसी के बस न करे
जो उनकी जान पर गुज़रे है वह वही जाने।
ख़ुदा किसी को जहाँ में किसी के बस न करे ।
ज़फ़र
सोमवार, 6 जून 2011
छाई घटा घनघोर
बादल रे, उमड़-घुमड़ बरसन लागे
बिजुरी चमक जिया डराये ,बादल रे
रविवार, 5 जून 2011
दिया सा रात भर जलता रहा है।
तेरे आने का धोखा-सा रहा है।
दिया सा रात भर जलता रहा है।
गुरुवार, 2 जून 2011
ख़ूब परदा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं
ख़ूब परदा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं
साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं
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