इक शग़ल और सही…तस्वीरों की दुनिया
सूरज रे ढलते रहना।
मन्दिर देख आए लेकिन प्रकृति के रोम रोम में बसे भगवान के दर्शन आत्मा को तृप्त करते हैं...
मनमोहक चित्र ......
शाम का सूरज बिंदिया बन कर सागर में खो जाए ......
ढलते सूरज की ख़ूबसूरती को क्या पकड़ा है आपने...गज़ब.नीरज
सूरज रे ढलते रहना।
जवाब देंहटाएंमन्दिर देख आए लेकिन प्रकृति के रोम रोम में बसे भगवान के दर्शन आत्मा को तृप्त करते हैं...
जवाब देंहटाएंमनमोहक चित्र ......
जवाब देंहटाएंशाम का सूरज
जवाब देंहटाएंबिंदिया बन कर
सागर में खो जाए ......
ढलते सूरज की ख़ूबसूरती को क्या पकड़ा है आपने...गज़ब.
जवाब देंहटाएंनीरज