सोमवार, 29 अगस्त 2011

गुरुवार, 25 अगस्त 2011

Twilight





दरख़्त रोज़ शाम का बुरादा भर के शाखों में
पहाड़ी जंगलों के बाहर फेंक आते हैं !
मगर वो शाम...
फिर से लौट आती है, रात के अन्धेरे में
वो दिन उठा के पीठ पर
जिसे मैं जंगलों में आरियों से
शाख काट के गिरा के आया था !!

गुलज़ार


Posted For SkyWatch Friday

बुधवार, 24 अगस्त 2011

Mid Way Blues



तेरे दर से उठकर जिधर जाऊं मैं
चलूँ दो कदम और ठहर जाऊं मैं

ख़ुमार बाराबंकवी

Posted for Thursday Challenge theme - "BLUE"

सोमवार, 22 अगस्त 2011